मंत्रालय: 
वित्त
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 12 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता (दूसरा संशोधन) बिल, 2019 पेश किया। बिल इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता2016 में संशोधन करता है। संहिता कंपनियों और व्यक्तियों के बीच इनसॉल्वेंसी को रिज़ॉल्व करने के लिए एक समयबद्ध प्रक्रिया प्रदान करती है। इनसॉल्वेंसी वह स्थिति हैजब व्यक्ति या कंपनियां अपना बकाया ऋण नहीं चुका पाते।
     
  • रेज़ोल्यूशन की प्रक्रिया को शुरू करने की न्यूनतम सीमा: संहिता के अंतर्गत फाइनांशियल क्रेडिटर (खुद या दूसरे फाइनांशियल क्रेडिटर्स के साथ संयुक्त रूप से) इनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन की प्रक्रिया की शुरुआत करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में आवेदन कर सकता है। बिल फाइनांशियल क्रेडिटर्स की कुछ विशेष श्रेणियों के लिए न्यूनतम सीमा तय करने हेतु इस प्रावधान में संशोधन करता है। रियल ऐस्टेट प्रॉजेक्ट्स के मामले में रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया शुरू करने के लिए किसी प्रॉजेक्ट के कम से कम 100 एलॉटीज़ (जिन व्यक्तियों को प्लॉट, अपार्टमेंट या बिल्डिंग अलॉट हुई है या बेची गई है) या कुल एलॉटीज़ के 10सदस्यों (इनमें से जो भी कम हो) को संयुक्त रूप से आवेदन करना होगा। 
     
  • दूसरे फाइनांशियल क्रेडिटर्स के लिए, जहां ऋण (i) सिक्योरिटीज़ या डिपॉजिट्स के रूप में हैं, या (ii) क्रेडिटर्स की एक श्रेणी पर बकाया हैं, आवेदन उसी श्रेणी के कम से कम 100 क्रेडिटर्स या उसी श्रेणी के कुल क्रेडिटर्स के 10सदस्यों (इनमें से जो भी कम हों) द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाना चाहिए। 
     
  • आवेदन करने पर रोक संहिता कुछ कॉरपोरेट देनदारों को रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन करने से रोकती है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (iइनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया से गुजरने वाले कॉरपोरेट देनदार, (iiआवेदन करने से 12 महीने पहले रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया खत्म करने वाले कॉरपोरेट देनदार, (iiiरेज़ोल्यूशन प्लान की शर्तों का उल्लंघन करने वाले कॉरपोरेट देनदार या फाइनांशियल क्रेडिटर्स, और (ivजिन कॉरपोरेट देनदारों के संबंध में लिक्विडेशन आदेश पारित किया गया है। बिल स्पष्ट करता है कि इन कॉरपोरेट देनदारों को किसी दूसरे कॉरपोरेट देनदार के खिलाफ रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति होगी।
     
  • इनसॉल्वेंसी के आधार पर परमिट, लाइसेंस और पंजीकरण रद्द नहींबिल कहता है कि इनसॉल्वेंसी के आधार पर सरकार या स्थानीय प्रशासन का मौजूदा लाइसेंस, परमिट, पंजीकरण, कोटा, छूट या मंजूरी सस्पेंड या रद्द नहीं होगी। हालांकि इसे इस्तेमाल करने या जारी रखने के लिए बकाया देय के भुगतान में कोई डीफॉल्ट नहीं होना चाहिए।  
     
  • पूर्व अपराधों के लिए लायबिलिटीबिल में प्रावधान है कि कॉरपोरेट देनदारों को रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया शुरू करने से पहले किए गए अपराधों पर सजा नहीं दी जाएगी। इसके अतिरिक्त बिल में यह प्रावधान भी है कि कॉरपोरेट देनदार की संपत्ति के खिलाफ इन अपराधों के संबंध में कोई कार्रवाई (जैसे कुर्की या जब्ती) नहीं की जाएगी। यह छूट तब मिलेगी, जब एनसीएलटी द्वारा मंजूर रेज़ोल्यूशन प्लान के परिणामस्वरूप कॉरपोरेट देनदार के प्रमोटर्स, या प्रबंधन में परिवर्तन होता है।
     
  • हालांकि कॉरपोरेट देनदार का पर्सन इन चार्ज या उससे जुड़ा कोई व्यक्ति इन अपराधों के लिए जिम्मेदार बना रहेगा।

 

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